दोस्तो, मेरा नाम आकाश है. पहले मैं अपने बारे में बता दूँ, अभी मेरी उम्र 25 साल है और मैं लखनऊ में रहता हूं. मेरी कद-काठी औसत ही है और मैं देखने में ठीक-ठाक हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. ये मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है, जो कि एक साल पहले उस वक्त की है … जब मेरी मामी मेरे घर आयी थीं.
मेरी मामी की उम्र 40 साल से कुछ ज्यादा है और वो दो बच्चों की माँ हैं. पर देखने में मामी सिर्फ 35 साल की लगती हैं और वे एकदम टनाटन मस्त माल हैं. मामी के चूचे बहुत बड़े और मस्त हैं. मेरी मामी की गांड तो और भी मस्त है, जब वो ठुमक ठुमक कर अपनी गांड मटका कर चलती हैं. तो बस क़यामत ही आ जाती है. पीछे से मामी की गांड उछलती देख कर मेरा लंड तो अपने आप खड़ा हो जाता है. मेरा मन करता है कि मामी को इसी वक्त पटक कर चोद डालूं.
चूंकि मेरे मामा जॉब के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते हैं. इसलिए मुझे लगता था कि मामी की चुत में ज्यादा बार लंड नहीं गया होगा और उनकी चूचियां भी ज्यादा नहीं मसली गई होंगी. शायद इसी लिए मामी की बॉडी एकदम मस्त लगती है.
मैं जब भी मामा के घर जाता हूँ, तो बस यही सब याद करके मामी को चोदने के बारे में सोचता रहता हूं. लेकिन मामी का परिवार बहुत बड़ा है, तो मामी के घर में ऐसा कोई चांस नहीं मिल पाता है. मैं मन मसोस कर बस मामी को छुप छुप कर देखता रहता था और अपना लंड हिलाता रहता था.
एक बार जब मामी मेरे घर आईं, तो मैंने सोचा ये मामी को चोदने का सुनहरा मौका है. मैं मामी के जिस्म पर हाथ साफ़ करने के मौके की तलाश में रहने लगा.
मेरा घर गांव में है और बहुत बड़ा है. मेरे घर में सभी सदस्यों के कमरे अलग अलग हैं पर टीवी मेरे कमरे में ही लगा है. इसलिए सभी लोग मेरे कमरे में आकर ही टीवी देखते हैं.
अब मामी को कैसे पेला जाए, बस मैं इसी प्लानिंग में लग गया. मैंने सोचा पहले मामी का मन जान लिया जाए कि मामी के मन में क्या है, कहीं ऐसा न हो कि जल्दबाजी के चक्कर लेने के देने पड़ जाएं.
यही सब सोच कर मैंने एक उपाय सोचा कि क्यों ना अपनी मामी को अपने लंड के दर्शन करवा दिए जाएं. पर मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं मामी ने किसी को बता दिया, तो मेरा क्या होगा.
फिर मैंने सोचा कि मामी को लंड कुछ इस तरह से दिखाऊं कि मामी को लगे गलती से लंड दिख गया. इससे मुझे मामी का रिएक्शन भी पता चल जाएगा.
मेरे घर के बाकी के लोग टीवी देखने के ज्यादा शौकीन नहीं है. मगर मेरी मामी को रात में देर तक टीवी देखने की आदत थी और मेरा बिस्तर टीवी वाले रूम में ही था.
एक दिन जब सब लोग कुछ देर टीवी देखने के बाद अपने अपने कमरों में सोने चले गए.
मेरे कमरे में मामी औऱ मैं बस हम दो लोग ही बचे थे, तो मैंने मामी से कहा- मामी जी, मुझे नींद आ रही है. मैं तो सो रहा हूँ अब!
तो मामी ने बोला- ठीक है बेटा, तुम सो जाओ, जब मुझे नींद आएगी तो मैं भी टीवी बन्द करके अपने रूम में सोने चली जाऊंगी.
मैंने बोला- ठीक है.
मैं बिस्तर पर लेट गया और चादर ओढ़ कर सोने का नाटक करने लगा. मैंने चादर सर से ऊपर तक ओढ़ लिया था. फिर धीरे से मैंने अपने लोअर और चड्डी को निकाल दिया और लेटा रहा. मामी के साथ सेक्स के बारे में सोच सोच कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था. फिर मैंने एक करवट ली, जिससे चादर मेरे लंड से हट गयी और मेरा लंड दिखने लगा. पर मामी का सारा ध्यान टीवी पर था. उन्होंने कुछ देखा ही नहीं.
थोड़ी देर बाद मैंने एक और करवट ली और इस बार मैंने एक पैर मामी को भी टच किया, जिससे मामी मेरी तरफ देखने लगें.
और हुआ भी ऐसा ही. मामी को जब पैर लगा, तो मामी पीछे मुड़ीं और उनकी निगाह मेरे लंड पर आ पड़ी. इधर मेरा पूरा लंड खुल गया था और तना हुआ था. मामी मेरा लंड देख कर चौंक गईं.
मैं सर पर चादर डाल कर अन्दर से सब देख रहा था. मामी बस मेरे लंड को देखे जा रही थीं. उनका ध्यान टीवी से हट चुका था. उनके सामने एक जवान 7 इंच का लंड एकदम नंगा खड़ा था. मैं चादर के अन्दर से मामी को देख रहा था कि मामी की सांसें तेज़ हो रही थीं. मामी मेरे लंड को देखकर अपने होंठों पर ऐसे जुबान फेर रही थीं जैसे वो मेरे लंड को चूसना चाहती हों.
फिर वो धीरे धीरे अपने मम्मों को दबाने लगीं. तभी एक चमत्कार हुआ, जिसकी मुझे कोई उम्मीद नहीं थी. मामी ने मेरे लंड को धीरे से छुआ और मेरी तरफ देखने लगीं. मैंने कोई रिएक्शन नहीं किया, तो मामी ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगीं.
मैंने सोचा इस नाटक को ख़त्म करके असली खेल का मज़ा लेने का यही सही टाइम है, तो मैं नीद खुलने का बहाना बनाते हुए उठा और चौंकते हुए बैठ गया.
मैं मामी से बोला- अरे … ये आप क्या कर रही हो मामी?
तो मामी ने बोला- क्या हुआ बेटा … तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या?